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इस दिन सिंदूर लगाना सुहागन स्त्रियों को पड़ सकता है भारी

 

कानपुर। हिंदू धर्म में विवाह से जुड़ी कई रस्मों और रीति रिवाज को पूरी श्रद्धा के साथ निभाया जाता है। विवाह से जुड़ी हर रस्म का अपना अलग महत्व होता है। विवाह के बाद सभी स्त्रियां सिंदूर लगाती हैं, सनातन धर्म में सिंदूर लगाना सुहाग का प्रतीक माना जाता है लेकिन इसे किस दिन लगाना शुभ माना जाता है औऱ किस दिन विवाहितों को मांग में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए इस बारे में कम ही सुहागिनों को पता होगा....आज हम आपको अपनी वीडियों में  इस बारे में बताने वाले है.....बता दें कि  लाल रंग का सिंदूर सुहागन औरतों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हिंदू धर्म में इसे पति की लंबी उम्र और रिश्ते में मजबूती का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि  सिंदूर सुहागिन महिला को किसी भी तरह की पूजा के दौरान या शुभ अवसर पर मांग में सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार विवाहित स्त्रियों को रविवार, सोमवार और शुक्रवार के दिन सिंदूर जरूर लगाना चाहिए, इन दिनों सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। सुहागन स्त्रियों को मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान सिंदूर नहीं लगाना चाहिए क्योंकि सिंदूर को पवित्र माना जाता है और पीरियड्स के समय शरीर अशुद्ध माना जाता है।  मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है इसलिए इस दिन सिंदूर लगाने से मनाही की जाती है क्योंकि इस दिन सिर्फ हनुमान जी को ही सिंदूर चढ़ाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार माता गौरा को पहले सिंदूर चढ़ा कर मांग में भरने से विवाहित स्त्रियों को सौभाग्य का वरदान मिलता है। विवाह के बाद स्त्रियों को सिंदूर हमेशा मांग के बीच में लगाना चाहिए इसके अलावा नव विवाहित लड़की की सिंदूर दानी का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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