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Ram lala: देवत्व, बालत्व और राजकुमार के दिव्य, भव्य दर्शन

कानपुर। अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का क्षण बेहद पास है।....इससे पहले यहां विधियों और अनुष्ठानों को क्रम जारी है। इसी बीच रामलला की मूर्ति की बेहद खास तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में उनके पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं। हालांकि, रामलला की यह तस्वीर गर्भ गृह में लाने से पहले की है। अभी भगवान की आंखों में पट्टी बंधी हुई है। आइये जानते हैं रामलला की मूर्ति की सभी विशेषताओं के बारे में....





भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापित कर दिया गया है। मूर्ति पर भगवान राम की आंखों पर पट्टी बंधी है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी मूर्ति की पट्टी हटाकर प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। वायरल तस्वीर में भगवान राम के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं। राम लला के चेहरे पर भक्तों का मन मोह लेने वाली मुस्कान दिखाई दे रही है।....





मूर्ति की विशेषताएं देखें तो इसमें कई तरह की खूबियां हैं। मूर्ति श्याम शिला यानि काले रंग के पत्थर से बनाई गई है जिसकी आयु हजारों साल होती है। मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा। चंदन, रोली आदि लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।.....

अगर वजन की बात करें तो.....मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई तीन फीट है। कमल पुष्प पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष है। मूर्ति का निर्माण कृष्ण शैली में किया गया है। 



इसके अलावा मूर्ति के ऊपर बने गोलाकार मंडप पर सनातन धर्म में पूज्यनीय सभी शुभ आकृतियाों व भगवान के अवतारों के चित्र बने है।
मूर्ति के ऊपर स्वास्तिक, ॐ, चक्र, गदा, सूर्य भगवान विराजमान हैं। रामलला के चारों ओर आभामंडल है। श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। मस्तक सुंदर, आंखें बड़ी और ललाट भव्य है। भगवान राम का दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है। मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार दिखाई दे रहे हैं। मूर्ति नीचे एक ओर भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी तो दूसरी ओर गरुड़ जी को उकेरा गया है।....

मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलक रही है। मूर्ति को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकारियों का कहना था कि जिस मूर्ति का चयन हुआ उसमें बालत्व, देवत्व और एक राजकुमार तीनों की छवि दिखाई दे रही है।

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में तीन मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा, जिसमें से एक मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।... इनके बनने के बाद सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि गर्भ गृह में किस रूप में राम लला विराजमान होंगे।.... मूर्तिकारों ने तीनों मूर्तियों को इतना सुंदर बनाया कि चयन करना कठिन हो रहा था....कौन सी सुंदर है और कौन सी उतनी नहीं है। अंततः बाल रूप वाली मूर्ति को राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजने का फैसला लिया गया।

22 जनवरी को सुबह रामलला के विग्रह की पूजा की जाएगी और दोपहर में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला का अभिषेक किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। रामलला रामनगरी की पंचकोसी परिक्रमा करेंगे, अयोध्या के मंदिरों में दर्शन-पूजन करेंगे।....
प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बेहद भव्य और ऐतिहासिक होगा। सियासत, सिनेमा से लेकर खेल और अध्यात्म से जुड़ी तमाम हस्तियों को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने का निमंत्रण मिला है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकप्रिय क्रिकेटर, मशहूर हस्तियां, उद्योगपति, संत, विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 

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