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बस्तियों की लड़िकयों ने मार्शल आर्ट्स वालों से जमकर किए दो दो हाथ


कानपुर। एक तरफ जहां देश में 9 दिनों का शक्ति पूजन यानि नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर व्यक्ति मां दुर्गा का पूजन अर्चन कर मां से अपने जीवन में शक्ति का आशीर्वाद मांगता है, तो वहीं इस बात से भी पर्दा नहीं किया जा सकता कि शक्ति की प्रतीक मानी जाने वाली नारियां आज भी प्रताड़ित की जा रही है। दिनों दिन बच्चियों और महिलाओं के ऊपर हो रहे हिंसा के आकड़े बढ़ रहे है जो एक गंभीर चिंता का विषय बनी है। वैसे तो सरकार हो या अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने वाले सामाजिक संगठनों की ओर से अपने स्तर पर नारियों को सशक्त बनाने के लिए भर्सक और प्रशंसनीय प्रयास कर रहे है, जिसका फायदा महिलाओं और बच्चियों को मिल रहा है। 

बता दें कि शक्ति पूजन के सातवें दिन महिलाओं के उत्थान और सजग बनाने के लिए काम करने वाले सामाजिक संगठन  सखी केंद्र की ओर से महिलाओं और बच्चियों के लिए कानपुर के मकरावट गंज में आत्मरक्षा के लिए ट्रेनिंग क्लास का आयोजन किया गया। लेकिन ये क्लास जरा हटके थी। क्योंकि लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने वाली ये क्लास चार दीवारी के भीतर नहींं बल्कि गरीब बस्तियों के बीच खुले मैदान में लगाई गई थी। वहीं बच्चियों को आत्मरक्षा की ट्रैनिंग मार्शल आर्ट्स एक्सपर्ट प्रीति व जगदीश ने इस तरह दी कि अगले 15 दिनों तक चलाई जाने वाली ट्रेनिंग क्लास की बात सुनते ही वहां मौजूद सभी लड़कियों के चेहरे खिल उठे। 


महिलाओं के हित में काम करने वाली संस्था सखी केंद्र की महामंत्री नीलम चतुर्वेदी ने सेल्फ डिफेंस की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज के समय में महिलाओं को अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी। और इसके लिए उनको सबसे पहले खुद को सशक्त बनाना होगा। जिसमें सेल्फ डिफेंस से जुड़ी स्किल्स का होना बहुत जरूरी है। ये स्किल्स ही होगी जो लड़कियाों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाएंगी जिससे वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकेगी। बता दें कि सखी केंद्र संस्था में अब तक लगभग 45000 महिलाओं के ऊपर हो रही हिंसा के केसेस देखे जा चुके हैं और प्रति माह लगभग 250 -300 केस देखे जा रहे है  और पूरी कोशिश रहती है कि उन्हें न्याय की प्रक्रिया से जोड़कर न्याय दिलाया जा सके. 

 



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