17 अप्रैल को रामनवमी का पर्व है. इस दिन बड़े ही धूमधाम के साथ भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन होता है. मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम के ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज पाठक ने लोकल 18 को बताया कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, कर्क लग्न, अभिजीत मुहूर्त और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था.
9 दिनों तक नवरात्रि पर शक्ति की उपासना की जाती है. फिर नवरात्रि के नौवे दिन धूमधाम के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01:30 मिनट से आरंभ होगी और 17 अप्रैल को दोपहर 03:10 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के आधार पर राम नवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी.
शुभ पूजा मुहुर्त
राम नवमी पर मध्याह्र पूजा का शुभ मुहूर्त 11:15 मिनट से लेकर 01:40 तक रहेगा. राम नवमी पर विजय मुहूर्त दोपहर 02:40 मिनट से 03:20 मिनट तक रहेगा. इसके बाद गोधूलि मुहूर्त शाम 06:50 मिनट से 07:05 मिनट तक होगा. इसी प्रकार इस दिन पूरे दिन रवि योग रहेगा. इस वार रवि योग में राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को बहुत शुभ माना गया है. इस योग में सूर्य का प्रभाव होने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. रवि योग में धर्म-कर्म और पूजा-पाठ करने से जीवन में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.
पूजा की विधि
उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर राम नवमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में विशेष रूप से राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन आप सबसे पहले भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी एवं हनुमान जी की मूर्तियों को चौकी पर स्थापित कीजिए. इसके बाद उन्हें जल अर्पित कीजिए. अब चंदन, रोली, अक्षत, फूल, पूजन सामग्री अर्पित कीजिए. फिर फल एवं विभिन्न तरह के भोक का नैवेद्य लगाकर उनकी आरती कीजिए.
इसके बाद भगवान राम का जाप करें. राम रक्षा स्त्रोत, श्रीराम चालीसा एवं रामायण की चौपाइयों का पाठ कीजिए. प्रभु राम की पूजा करने के साथ हनुमान जी की विशेष पूजा-उपासना का महत्व है. आप इस दिन सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ जरूर कीजिए. राम नाम के जाप से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन रामायण का पाठ के साथ राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि बनी रहती है. इस दिन सुबह उठकर स्नान करके सूर्यदेव को जल अर्पित कीजिए. साथ ही भगवान श्रीराम को पीले रंग के कपड़े, पीले फूल चढ़ाकर भगवान राम की स्तुति कीजिए.
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