दुनिया में सुपरकूल के नाम से मशहूर और क्रिकेट जगत के सबसे सफलतम खिलाड़ियों में से एक महेंद्र सिंह धोनी के चाहने वालों की कमी नहीं है। धोनी की एक झलक पाने के लिए फैंस कुछ भी करने को तैयार रहते है। क्रिकेट के फैंस की जान है धोनी, आन बान शान है धोनी। धोनी का क्रेंज इतना है कि अगर धोनी मैदान में बल्ला लेकर उतर जाते है तो उनके फैंस के दिल की धड़कने बढ़ जाती है। वे चीखते है चिल्लाते है और कुछ फैंस तो इतने इमोशनल हो जाते है कि ये खुशी उनकी आंखों से आंसू बनकर बहने लगती है। और ये सब धोनी को भी मुफ्त में किसी ने थाली में परोसकर नहीं दिया बल्कि उनके तेज दिमाग और स्किल से धोनी ने खुद कमाया है। जब जब भी क्रिकेट के मैदान में भारत की नाव डूबने लगती थी तब एक धोनी ही थे जो मांझी बनकर मैच की नैया पार लगाते थे। वर्ल्ड कप से लेकर आईपीएल, टी-20 और न जाने कितने खिताब जिताकर धोनी ने भारत की झोली में डाले है। क्रिकेट के फैंस का कहना है कि जिस मैच में धोनी है तो उस टीम का जीतना पक्का है। धोनी को लेकर क्रिकेट के आलोचकों की ओर से एक बात और कही जाती है कि सचिन तेंदुलकर के बाद धोनी एक मात्र ऐसे प्लेयर है जिनकी तारीफों के पुल उनके आलोचक भी बांधते है।
लेकिन बात यहां आकर रूकती है कि खेल के मैदान मेंसबके दिमाग की गिल्लियां उड़ाने वाले माही को धोखा देना कोई आसान बात नहीं है। तो सोचने वाली बात ये है कि आखिर वो कौन शख्स था जिसके सामने धोनी का तेज दिमाग और चालाकी भी काम नहीं आई। क्योंकि ऐसा तो कोई वो व्यक्ति ही हो सकता है जिसपर धोनी आंख बंद करके भरोसा करते हो और वो माही के भरोसे का फायदा उठा गया। जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ हमारे माही के साथ भी। महेंद्र सिंह धोनी को धोखा देने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके बचपन का दोस्त ही है। वो दोस्त जो उनका बिजनेस पार्टनर भी रह चुका है।
दरअसल ये बात है धोनी और उनके बचपने के दोस्त अरका स्पोर्ट्स कंपनी के निदेशक मिहिर दिवाकर के बीच की। धोनी ने अपने दोस्त मिहिर के साथ मिलकर जयपुर में धोनी के नाम पर एक क्रिकेट एकेडमी खोली थी। इसके लिए धोनी और मिहिर के बीच एक एग्रीमेंट भी साइन किया गया था। जैसा कि अमूमन हर बिजनेस पार्टनर के बीच किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले होता है। इस डील के हिसाब से मिहिर दिवाकर को धोनी को फ्रैंचाइजी फीस का भुगतान करना था। और इसके तहत प्रॉफिट भी शेयर करना था। लेकिन धोनी और उनके दोस्त के बीच बात तब बिगड़ती है जब एंग्रीमेंट की समय सीमा खत्म होने के बाद भी मिहिर जयपुर में खोली गई उस क्रिकेट एकेडमी को चलाते रहते है, उससे अच्छी खासी मोटी रकम लगभग 15 करोड़ रूपए कमाते है। लेकिन धोनी को उनके हिस्से के पैसे नहीं देते है। और जब ये बात धोनी को पता चलती है वे 2021 के अगस्त महीने में मिहिर कि स्पोर्ट्स कंपनी से अपना अथॉरिटी लेटर वापस मंगा लेते है। और मिहिर को कानूनी नोटिस भेजना शुरू कर देते है। पर जब इसके बाद भी जब मिहिर की ओर से धोनी की नोटिसों का कोई जवाब नहीं मिलता है, तब जाकर महेंद्र सिंह धोनी अपने दोस्त के ऊपर धोखाधड़ी का केस दर्ज करते है। बता दें कि धोनी और उनके दोस्त के बीच का धोखाधड़ी का ये मामला पिछले कई महीने से न्यायालय में लंबित था। लेकिन आखिरकर जयपुर पुलिस ने मिहिर दिवाकर की लोकेशन के आधार पर नोएडा स्थित उनके घर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि ये गिरफ्तारी धोनी के नाम का गलत उपयोग के आरोपों के जवाब में की हुई है।
वहीं, इस बारे में मिहिर दिवाकर का कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी को धोखा देने की बात पूरी तरह गलत है। जो बातें बताई जा रही हैं वह पूरी तरह निराधार हैं और यह मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश है। धोनी ने क्रिकेट अकादमी संचालन के लिए मुझे अधिकृत किया था और इसे रद्द नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि धोनी की ओर से मुझे कानूनी नोटिस भेजा गया था, जिसका मैंने उचित जवाब दे दिया है। बता दें कि इसके अलावा मिहिर दिवाकर की ओर से भी धोनी के खिलाफ मानहानि का केस किया गया था।
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