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सुंदरकांड का पाठ कब करना चाहिए


हिंदू धर्म में बाबा तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस का बहुत महत्व है. इसे 7 भागों में लिखा गया है. वहीं इसका पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। रामचरितमानस का पांचवा भाग सुंदरकांड है।ऐसा कहा जाता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से घर की नेगेटिविटी दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में किसी भी धार्मिक पाठ को करने का शुभ समय होता है। बता दें कि सुंदरकांड में हनुमान जी की लंका यात्रा का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस यात्रा में हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका जाते हैं और वहां से वीरता पूर्वक माता सीता का पता लगाकर वापस आते है। सुंदरकांड का पाठ वैसे तो किसी भी दिन किया जा सकता है लेकिन मंगलवार और शनिवार के दिन इसका पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यह दोनों दिन हनुमान जी को समर्पित होते हैं। वहीं इसका पाठ प्रातः काल में करना चाहिए नहीं तो 12:00 बजे से पहले इसका पाठ पूरा कर लेना चाहिए। वहीं अगर शाम में सुंदर कांड का पाठ करना चाहते हैं तो शाम 4:00 बजे के बाद इसका पाठ कर सकते हैं। 

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