राजस्थान के जयपुर के रहने वाले डॉ. महेंद्र भारती साल 1990 में विवाह के योग्य हो गए थे, लेकिन उसी समय कारसेवकों पर गोली चलने की घटना से वे इतने व्यथित हुए कि उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं बनता, तब तक वे शादी नहीं करेंगे और न ही कोई माला पहनेंगे.
अब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं
तो डॉ. महेंद्र भारती ने अजमेर की रहने वाली डॉ. शालिनी गौतम से अयोध्या के कारसेवकपुरम परिसर में स्थित यज्ञ वेदी के सात फेरे लिए और पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर शादी कर ली. इस जोड़े ने वरमाला के लिए भी उसी माला को चुना, जिसका प्रभु श्रीराम के श्रृंगार के लिए मंदिर में उपयोग किया गया. इस जोड़े की शादी पुरोहित बंधु तिवारी ने कराई.
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