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माता सीता की पायल देखकर क्यों रोए थे श्री राम



कानपुर। रामायण की कथा में सबसे अहम हिस्सा लंका पति रावण के साधु का वेश धरकर आने और माता सीता का हरण करके ले जाना है।  माता सीता के हरण के कारण ही लंका का युद्ध हुआ था। जिसमें प्रभु राम ने रावण का वध किया था। रावण ने जब देवी सीता का हरण किया था तो उन्होंने अपने सभी आभूषण एक कपड़े में बांधकर पुष्पक विमान से नीचे जंगल में फेंक दिए थे। फेंके गए आभूषण किष्किंधा राज्य में उस जगह पर जाकर गिरे थे जहां वानर राज सुग्रीव अपने साथियों के साथ बाली के डर से छिपे हुए थे। सुग्रीव ने उन आभूषणों संभाल कर रख लिया था। जब राम लक्ष्मण माता सीता को खोजते हुए मलय पर्वत पर पहुंचे तो वहां हनुमान जी ने उन्हें माता सीता के आभूषण दिए। जिनमें से लक्ष्मण जी ने माता सीता की पायल को पहचाना था। जिसे देखकर,श्री राम  माता सीता के बारें में खबर मिलने के बारे में सोचकर फूट फूट कर रोने लगे थे। राम को रोता देखकर सुग्रीव आदि वानर ने हर हाल में उन्हें मां सीता से मिलाने का वादा किया था।

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