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अगर ऐसे करेंगे हनुमान चालीसा का पाठ, तो तुरंत सुन लेंगे हनुमान जी


हनुमान जी कलयुग के सबसे जाग्रत देव माने जाते हैं। जो लोग हनुमान चालीसा का पाठ सही समय पर रोज करते हैं उन पर बजरंगबली की विशेष कृपा होती है।लेकिन क्या आपको पता है कि हनुमान चालीसा का पाठ कितने बजे करना चाहिए और क्या है इसका सही समय...आइए जानते है,  हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः काल और संध्या काल में सूर्यास्त के बाद इन दो पहरों में करना ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद प्रातः काल 4 से 5 बजे के अंतराल करना सबसे उत्तम होता है। यदि आप शाम के समय हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो संध्या काल वंदना चंद्रोदय के बाद करना उचित माना जाता है। इसके अलावा मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना विशेष फलदाई माना जाता है। लेकिन हनुमान चालीसा का नित्य नियमित रूप से पाठ करना चाहिए। पूजा पद्धति के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले आपको भगवान राम के नाम का कुछ देर जाप करने से बजरंगबली तुरंत विनती सुनते हैं। क्योंकि हनुमान जी को राम नाम से ज्यादा प्यारा कुछ भी नहीं है इसलिए जब आपको उनको उनके आराध्य भगवान राम का नाम सुनाते है तो वे बहुत प्रसन्न होते है, और जल्द ही आपकी सारी मनोकामना पूरी कर देते है। मान्यता के अनुसार हनुमान चालीसा का सही समय पर पाठ करने से बजरंगबली सभी बिगड़े काम बना देते हैं और जीवन में जीवन के हर संकट हर लेते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय बजरंगबली को बेसन के लड्डू, सिंदूर और लाल चोला चढ़ाने से संकट मोचन शीघ्र प्रसन्न होते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कोई समय की बाध्यता पूजा पद्धति नहीं है पर इसके उत्तम फल प्राप्त करने के लिए प्रातः काल और संध्या काल का समय सबसे उचित माना जाता है। बता दें हनुमान चालीसा का पाठ करने से पितृ दोष, मंगल दोष, राहु-केतु दोष दूर होते हैं।अगर आपकी कुंडली में शन‍ि का दोष है तो हनुमानजी की पूजा करने से आपको काफी हद तक शन‍ि ग्रह की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है।  हनुमानजी को शिवजी का अवतार माना गया है। कहते हैं हनुमानजी अजर और अमर हैं और कलियुग में भी मौजूद हैं। इसलिए हनुमानजी की पूजा करने से वह जल्‍द ही सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

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