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रामभद्राचार्य का सिर तन से जुदा कर, आंखे निकालने की मिली धमकी, ईनाम का भी किया खुलासा




कानपुर। तुलसीपीठाधीश्वरजगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी दी गई है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक युवक ये कहते हुए नजर आ रहा है कि जो भी रामभद्राचार्य की गर्दन काटकर लाएगा उसे दो लाख का इनाम दिया जाएगा और जो गर्दन के साथ आंख फोड़ेगा उसे तीन लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. 
फिलहाल विडियो वायरल कर ऐसी घोषणा करने वाले युवक पर थाना बरला पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. पुलिस ने युवक की तलाश शुरू कर दी है.

बता देें तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरू रामभद्राचार्य वे ही है जिन्होंने रामलला के लिए कोर्ट में गवाही दी थी। राम जन्मभूमि को प्रमाणित करने में इनका अहम रोल था। कोर्ट में  इनकी गवाही के दौरान रामलला की सुनवाई में बैठी बैंच के एक जज ने तो यहां तक कह दिया था कि "सर यू आर ए डिवाइन पॉवर". बता दें रामभद्राचार्य ही वे पहले संत थे जो जगद्गुरू होने के बावजूद अपने पद को छोड़कर एक साधारण व्यक्ति की तरह कोर्ट गए थे औऱ  रामलला के पक्ष में गवाही दी थी। 

लेकिन इतना ही नहीं जितना जगद्गुरू रामकथा के लिए जितना लोकप्रिय है उतना ही वे अपने विपक्षियों पर कटाक्ष करने से पीछे नहीं हटते है। इसलिए रामभद्राचार्य जी का विवादों से भी पुराना नाता रहा है। वे अक्सर ही अपने विपक्षियों पर दिए बयानों के चलते ही चर्चा का विषय बने रहते है।  
 जब भी कोई राम मंदिर बनाने का विरोध करता या ये तर्क देता कि उस स्थान पर कोई बड़ा अस्पताल बना देना चाहिेए तो रामभद्राचार्य जवाब देते हुए कहते कि आप राम नाम जपो औऱ श्री राम चरित मानस की चौपाई...दैहिक, दैविक भौतिक तापा, राम राज नहीं काहुई व्यापा....का जाप करों तो कभी अस्पताल जाने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उनका कहना है कि शरीर में कोई कष्ट होता है तो राम नाम से सही हो सकता है लेकिन जब आत्मा को कोई कष्ट होगा तो बिना राम दर्शन के सही नहीं होगा।जिसके लिए राम मंदिर की ही जरूरत पड़ेगी।
बतातें चले जगद्गुरू रामभद्राचार्य नेत्रहीन है। जन्म के तीन महीने के बाद ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई। लेकिन इसके बावजूद उन्हें एक लाख श्लोक मुंहजबानी याद है, उन्हे 14 भाषाओं का ज्ञान है, इसके साथ ही वे 200 से ज्यादा पुस्तके लिख चुके है। उनके जानने वाले उनके अंदर दिव्य शक्ति का वास मानते है। बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर  आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी जगद्गुरू रामभद्राचार्य के शिष्य है। धीरेंद्र शास्त्री भी अपने विवादित बयानों की वजह से आए दिन चर्चा में बने रहते है।    
 













 


 

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