Ticker

6/recent/ticker-posts

राम मंदिर चर्चा पर ओवैसी ने क्यूं बोला, क्या मैं बाबर, जिन्ना या औरंगजेब का प्रवक्ता हूं?.... जिस जगह पर मस्जिद थी है और रहेगी....



कानपुर। बीते दिन शनिवार को देश की संसद की लोकसभा का 17वां सत्र का समापन हो चुका है। अब इसके बाद अगले महीने में चुनाव आयोग की ओर से आगामी लोकसभा का चुनाव की घोषणा हो जाएगी। इसके बाद सभी पार्टियां अपने अपने चुनावी मुद्दो औऱ घोषणा पत्र के साथ मैदान में उतरेंगे, आखिरकर तय भारत की जनता को करना होगा कि आखिर वो किसको देश के नेतृत्व के लिए चुनती है। लोकसभा के समापन में अंतिम भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिया गया जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से अपने 5 साल के काम काज के बारे में बताया। जिसमें कश्मीर में धारा 370 हटाने से लेकर, तीन तलाक, महिला आरक्षण बिल और राम मंदिर का निर्माण कार्य शामिल था। 
इस दौरान लोकसभा में सत्ता पक्ष यानि बीजेपी की ओर से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। ये प्रस्ताव अयोध्या में  22 जनवरी को हुए राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लाया गया था। बीजेपी के तमाम सांसदों ने सभा में राम मंदिर पर प्रस्ताव लाकर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। इस प्रस्ताव पर नरेंद्र मोदी ने कहा  कि अयोध्या राम मंदिर पर लोकसभा में पारित ये प्रस्ताव आने वाली पीढ़ी को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका देगा.'

राम मंदिर पर पारित प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष की ओर से खुलकर चर्चा भी की गई। इस चर्चा में  AIMIM चीफ  असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाग लिया। राम मंदिर उद्घाटन पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए ओवैसी ने कहा कि देश के मुसलमानों से बार-बार अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए कहा जाता है। क्या मैं बाबर, जिन्ना या औरंगजेब का प्रवक्ता हूं? मैं भगवान राम का सम्मान करता हूं लेकिन मैं नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं जिसने उस व्यक्ति को मार डाला जिसके अंतिम शब्द हे राम थे।' ओवैसी ने 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि मस्जिद विध्वंस एक 'जघन्य कृत्य' था।

इस बीच जैसे ही ओवैसी ने बाबर का जिक्र किया, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे खड़े हो गए और कहा कि आसन को केवल ओवेसी से पूछना चाहिए कि क्या वह बाबर को आक्रमणकारी मानते हैं। इस पर ओवैसी ने कहा, 'आप पहले बताएं कि आप पुष्यमित्र शंग को क्या मानते हैं। उनके पास मंदिरों को तोड़ने के लिए एक सेना थी। मैं यही बात दोहरा रहा हूं कि आजादी के इतने सालों के बाद निशिकांत दुबे जी असदुद्दीन ओवैसी से बाबर के बारे में पूछ रहे हैं। आप मुझसे गांधी, बोस, जलियांवाला बाग के बारे में पूछते, लेकिन नहीं, आप मुझसे बाबर के बारे में पूछ रहे हैं। ओवैसी ने कहा, पीएम मोदी मुसलमानों को संदेश दे रहे हैं कि वे या तो अपनी जिंदगी चुन सकते हैं या न्याय।
इस दौरान उन्होंने पूछा कि क्या मोदी सरकार केवल एक समुदाय और एक धर्म की सेवा करती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर का अभिषेक कार्यक्रम एक धर्म की दूसरी पर विजय थी?
ओवैसी ने अपनी बात खत्म करने से पहले कहा कि 'मेरा ईमान कहता है कि जिस जगह पर मस्जिद थी है और रहेगी। बाबरी मस्जिद जिंदाबाद, जिंदाबाद जिंदाबाद। भारत जिंदाबाद। जय हिंद'।




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ