कानपुर। अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के बाद से ही श्रृद्धालुओं का जनसैलाब अयोध्या में देखने को मिल रहा है। हिंदुओं का राम मंदिर के प्रति उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 30 दिनों के भीतर ही 60 लाख से अधिक श्रृद्धालु राम मंदिर आकर रामलला के दर्शन कर चुके है। और सिर्फ दर्शन ही नहीं किया बल्कि अपने राम जी के लिए दिल खोल कर दान भी किया है। बता दें कि राम भक्तों ने अब तक राम मंदिर के लिए 50 करोड़ से ज्यादा की दानराशि चढ़ाई है। लेकिन इसी बीच अयोध्या में कुछ और घटनाओं का पता चला है जिसे अयोध्या आने वाले सभी श्रृद्धालुओं को पता होना चाहिए। ये जानकारी उनको और उनके पैसों, दोनो को ही ठगी से बचाएंगी।
फर्ज करें कि आप अपने परिवार के साथ अयोध्या आने का प्लान कर रहे हो। इस प्लैनिंग में आप अयोध्या में कुछ दिन रूकना भी चाह रहे हो। तो आप क्या करेंगे, जाहिर सी बात है जैसे और जगहों पर घूमने जाने से पहले करते है, ठीक वैसा ही करेंगे। यानि अपने मोबाइल पर गूगल में जाकर अयोध्या के होटल्स के बारे में सर्च में करेंगे. और जो भी होटल या धर्मशाला जेब खर्च में फिट बैठेगी उसको अपने लिए बुक कर लेगें, ताकि जब आप अयोध्या जाए तो किसी भी प्रकार की कोई टेंशन ना हो। और आराम से भगवान के दर्शन कर पाएं। फिर आप परिवार के साथ अयोध्या के लिए अपने सुलभ साधन बस, ट्रेन या गाड़ी से निकलकर अयोध्या पहुंचेंगे। इसके बाद आप सफर की थकान को उतारने के लिए अपने उस बुक किए हुए होटल के रिसेप्सन में जाकर रूम की चाबी मांगेंगे,.....
अब अगर क्या हो कि होटल व रिसेप्शन में बैठने वाला सज्जन आपको चाबी देने से इनकार कर दे और आपको ये बताए कि आपके नाम से इस होटल में कभी कोई कमरा बुक ही नहीं किया गया था औऱ तो और उस होटल की ऑनलाइन ऐसी कोई वेबसाइट ही नहीं है।,....... ये सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी न, जिस रूम के आप ने एक मोटी रकम दी है, वो असल में कहीं है ही नहीं।
नमस्कार स्वागत है आपका इस वीडियों में औऱ आप देख रहे है भक्ति सफर....
जी हां, ये जो मैने आपको मानसिक रूप से घर से अयोध्या पहुंचने तक की यात्रा करवाई है, ये कोई काल्पनिक नहीं बल्कि सच्चाई है। जो अयोध्या में होटल, धर्मशालाओं में कमरा बुक होने के नाम पर श्रृद्धालुओं के साथ किया जा रहा फ्रॉड है। अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से भक्त पहुंच रहे हैं. वे यहां आने से पहले ऑनलाइन होटल या धर्मशाला में कमरे बुक कर रहे हैं. यहीं से ठगों का खेल शुरू होता है. साइबर ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं. वे ऐसे होटल जिनका अयोध्या में वजूद ही नहीं है या जिन धर्मशालाओं में ऑनलाइन बुकिंग नहीं होती है, उन्होंने उनकी फर्जी वेबसाइट बनाई हैं. औऱ इस पर लोगों से रूम बुकिंग के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे है।और जब वे अयोध्या आकर होटल पहुंचकर कमरे की चाबी मांगते है तब पता चलता है कि उनके नाम पर कोई रूम बुक नहीं है। वे लोग साइबर ठगी का शिकार हो गए है। ये ठग अलग-अलग होटल और धर्मशाला के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को कमरा बुक करने के नाम पर मोटा चूना लगा रहे हैं.
अयोध्या में इस तरह की घटनाएं इन दिनों आम हो गई हैं. बता दें कि श्री राम जन्मभूमि पथ के ठीक सामने ही बिडला धर्मशाला है. वहां अब तक इस तरह की लगभग 30 घटनाएं हो चुकी हैं. एक बार तो बिड़ला होटल में 1 घंटे के दौरान ही चार ऐसे लोग पहुंचे जिन्होंने बिडला धर्मशाला की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन कमरा बुक किया था. इसमें से तीन लोगों ने तो भुगतान भी कर दिया था. मगर, अयोध्या आने के बाद जब वह ठहरने के लिए पहुंचे, तो बिडला धर्मशाला के मैनेजर ने बताया कि उनकी न तो कोई वेबसाइट है और न ही उनके यहां कोई ऑनलाइन रूम बुक होता है. उन लोगों ने बिडला धर्मशाला के नाम से बनी वेबसाइट दिखाई. वेबसाइट पर दिए नंबर से चैट दिखाई और ऑनलाइन भुगतान का सबूत भी दिखाया. मगर, सब बेकार. तब उन्हें पता चला कि वे तो साइबर ठगों के शिकार हो गए हैं. वहीं, बिडला धर्मशाला के मैनेजर ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से अब तक अकेले उनके यहां 25 से अधिक इस तरह के मामले आ चुके हैं.
साइबर ठगों का खेल कुछ इस तरह होता है कि कुछ ऐसे होटल हैं, जिनका अयोध्या में वजूद ही नहीं है. वहीं, कुछ ऐसे होटल हैं, जो ऑनलाइन बुकिंग ही नहीं करते हैं. उनके नाम से वेबसाइट बनाई जाती है. वेबसाइट में कांटेक्ट नंबर दिया रहता है. लोग जब उस पर फोन करते हैं, तो उन्हें कमरे का रेट ज्यादा बताया जाता है. फिर कहा जाता है कि इस समय स्कीम चल रही है, लिहाजा पैसा कम हो जाएगा.अयोध्या में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, तो होटल और धर्मशाला में कमरे बड़ी मुश्किल से मिलते है. ऐसे में बाहर से आने वाले लोग ऑनलाइन कमरा बुक करना ज्यादा सही समझते हैं. ऐसे ही लोगों की ताक में रहते है साइबर ठगी वाले. जो किसी न किसी तरीके इनको अपना शिकार बनाते हैं. ये लोग इतने शातिर तरीके से ठगी का काम करते है कि बुकिंग के बाद साइबर ठग जिस होटल या धर्मशाला का नंबर देते हैं, उसको भी डायल करने पर उसी धर्मशाला या होटल का नाम आता है, जिसमें बुकिंग करने के नाम से पैसा वसूला गया होता है. लेकिन ये नंबर उस समय बंद बताता है जब रूम बुक करने वाला व्यक्ति अयोध्या पहुंचकर, रूम न मिलने पर उनको फोन करता है। और अगर धोखे से फोन उठ भी जाए तो बात करने के बजाय टाल दिया जाता है। हालांकि पुलिस की साइबर सेल को साइबर ठगी की इन घटनाओं की जानकारी हो गई है। और वे अपने तरीके से साइबर ठगों को पकड़ने में लगी है।
अयोध्या में हो रही इस साइबर ठगी के बारें में आप की क्या राय है....कमेंट्स सेक्सन में जरूर बताएं
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