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अयोध्या पहुंचा 400 किलो का ताला,30 किलो की चाबी

 


कानपुर। छह महीने में बना करीब 400 किलो वजन का ताला और चाबी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अलीगढ़ से अयोध्या पहुंच गया है।अयोध्या में श्रीराम मंदिर परिसर में दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाने वाले दिवंगत सत्यप्रकाश शर्मा का अधूरा सपना आज पूरा हो गया। ताला के कुशल कारीगर स्व0 सत्यप्रकाश शर्मा ने अलीगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा ताला बनाकर रिकार्ड बनयाा था। 

छह फीट दो इंच लंबे और दो फीट साढ़े नौ इंच चौड़े ताले को बनाने में 65 किलोग्राम पीतल लगा है। तीन फिट चार इंच लंबी इसकी चाबी तीस किलोग्राम की है। इसको बनाने में छह महीने लगे। दिवंगत सत्यप्रकाश शर्मा का कहना था कि मंदिर अद्भुत बन रहा है। वहां की हर चीज अद्भुत होनी चाहिए। वे इस ताले को अयोध्या में श्रीराम मंदिर के आसपास किसी चौक पर स्थापित करना चाहते थे। उन्होंने अपनी पत्नी रुकमणी शर्मा के साथ मिलकर साल 2021 में इस ताले को बनाना शुरू किया था। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी इस ताले को बनाने में उन्होंने करीब तीन लाख रुपये की खर्च किए।


अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डा. अन्नपूर्णा भारती इस ताले को लेकर अयोध्या पहुंची और इसे श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंप दिया।यह ताला अलीगढ़ के प्रतीक चिह्न के रूप में अयोध्या में स्थापित किया जाएगा। मानना है कि इस प्रतीक चिह्न को देखकर व्यावसायिक दृष्टि से यहां के ताला कारोबारियों को मनोबल बढ़ेगा।


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