देहरादून। आध्यात्मिक विरासत का शहर जोशीमठ का अस्तित्व अब खतरे में है। इसरो की तरफ से जारी एक फोटो ने टेंशन बढ़ा दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(इसरो) की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2023 में जोशीमठ में भू- धंसाव की गति तेज हो गई है, जिससे पूरे शहर के डूब जाने का खतरा बढ़ गया है। इसरो के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) ने जोशीमठ के डूबते क्षेत्रों की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की है।
कार्टोसैट-2 एस सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में सेना के हैलीपैड और नरसिंह मंदिर समेत पूरे शहर को संवेदनशील चिन्हित किया गया है। इस खबर नें शासन , प्रशासन और स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है। मुख्यमंत्री धाबी ने जोशीमठ की सलामती के लिए सुप्रसिद्ध नरसिंह देव के मंदिर में प्रार्थना की।
12 दिनों में शहर 5.4 सेंटीमीटर डूब गया
रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच यहां जमीन का धंसाव बहुत धीमा था। इस दौरान जोशीमठ 8.9 सेमी तक धंस गया था लेकिन 27 दिसंबर 2022 और 8 जनवरी, 2023 के बीच बहुत तेजी के साथ 5.4 सेमी धंस गया है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि जमीन धंसने से जोशीमठ-औली सड़क भी धंसने वाली है। हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी कस्बे में भूमि धंसने के बाद घरों और सड़को में दिखने वाली दरारों का अध्ययन कर रहे है।
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