कानपुर। कानपुर के बिकरू कांड में मुख्य आरोपित अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। बता दें कि सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध करते हुए अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। बिकरू कांड में शहीद हुए यूपी पुलिस के जवानों के परिजनों की तरफ से खुशी दुबे को जमानत दिए जाने को लेकर विरोध दर्ज किया गया था। बता दें कि खुशी दुबे बिकरू कांड में जमानत पाने वाली पहली आरोपित हैं।
Supreme Court grants regular bail to Khushi Dubey, widow of Amar Dubey, an aide and relative of the slain gangster Vikas Dubey.
— ANI (@ANI) January 4, 2023
Khushi Dubey challenged the Allahabad High Court order denying her bail in the case in which 8 police officers were killed in UP's Kanpur.
2020 में हुआ था बिकरु कांड
साल 2020 में देशभर में कानपुर के बेहद चर्चित बिकरु कांंड मुख्य आरोपित अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को पुलिस ने सह अभियुक्त बनाया है। चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में 2–3 जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गैंग ने फायरिंग कर दी थी। घटना में आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी पर फर्जी दस्तावेज लगा सिम लेने का मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है।
कौन है खुशी दुबे ?
आपको बता दें खुशी दुबे बिकरू कांड को अंजाम देने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के राइट हैंड कहे जाने वाले अमर दुबे की पत्नी है. यूपी पुलिस ने खुशी दुबे पर भी बिकरू कांड में शामिल होने का आरोप लगाया था.
क्या था पूरा मामला
2 जुलाई, 2020 को कानपुर के चौबेपुर थाने के अंतर्गत आने वाले बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों को गोलियों से छलनी कर दिया था. विकास दुबे के घर पर दबिश देने गई टीम पर विकास दुबे और उसके भतीजे अमर दुबे ने फायरिंग कर दी थी. बिकरू कांड के कुछ दिनों में ही यूपी पुलिस ने अमर दुबे को एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था. बिकरू कांड से पांच दिन पहले ही अमर दुबे की खुशी दुबे से शादी हुई थी. वहीं, बिकरू कांड में पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को आरोपियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
सपा प्रमुख ने भाजपा पर साधा निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुशी दुबे की जमानत प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह फैसला भाजपा के अन्याय और नारी उत्पीड़न के दुष्प्रयासों की करारी हार है। भाजपा याद रखे अंततः जीत न्याय की ही होती है; अहंकार की नहीं।
खुशी दुबे की जमानत ‘भाजपा के अन्याय और नारी उत्पीड़न’ के दुष्प्रयासों की करारी हार है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 4, 2023
भाजपा याद रखे अंततः जीत न्याय की ही होती है; अहंकार की नहीं।
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