Ticker

6/recent/ticker-posts

घूंसखोर राजेश सिंह बना हत्यारा, निर्दोष की थाने में पीट पीटकर की हत्या

             निलंबित इंस्पेक्टर राजेश सिंह

* सारी रात परिजनों को नहीं लगने दी मौत की खबर
*जनता उठा रही एसपी के निलंबन की मांग 

कानपुर देहात। प्रदेश की पुलिस को मित्र पुलिस का खिताब देने वाली सरकार जनता के बीच में पुलिस की छवि को बेहतर करने के तमाम प्रयास कर रही है लेकिन खाकी लगातार दागदार हो रही है और उस पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं एक बार फिर से कानपुर देहात पुलिस की खाकी पर दाग लगा है लूट की घटना में पुलिस के की ओर से उठाए गए युवक की पुलिस की कस्टडी में पिटाई से मौत हो गई है।
बता दें कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र के मैथा चौकी अंतर्गत लालपुर सरैया गांव के रहने वाले व्यापारी चंद्रभान सिंह के साथ 6 दिसंबर को देर रात दो युवक बाइक सवारों ने आंखों में मिर्ची झोंक कर व्यापारी से करीब दो लाख की लूट की घटना को अंजाम दिया था जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और लूट का खुलासा करने का दम भरने लगी वही आनन-फानन में पुलिस ने महज 4 दिनों के अंदर क्षेत्र के 5 लोगों को अपनी हिरासत में ले लिया और पूछताछ की कार्रवाई शुरू कर दी, पांच युवकों में से गिरफ्त किए गए एक शख्स जिसका नाम बलवंत सिंह था वह पीड़ित व्यापारी चंद्रभान सिंह का सगा भतीजा था पुलिस ने शक के आधार पर उसे भी हिरासत में लिया और अपनी पूछताछ शुरू कर दी थी लेकिन पीड़ित व्यापारी का आरोप है कि पुलिस को कई बार कहने के बावजूद भी पुलिस ने उनके भतीजे बलवंत सिंह को नहीं छोड़ा लगातार पुलिस टॉर्चर करती रही और थर्ड डिग्री देती रही।

वही पीड़ित परिवार का आरोप है कि बलवंत की बेरहमी के साथ पिटाई की गई जिससे बलवंत की पिटाई के बाद मौत हो गई जिसके बाद कानपुर देहात पुलिस के हाथ पांव फूल गए और पुलिस ने आनन-फानन में शव को थाने से गायब कर दिया परिजनों के कई बार पूछने के बावजूद भी परिजनों को उनके घर के सदस्य बलवंत सिंह की कोई भी जानकारी नहीं दी गई परिजनों को पुलिस थाने से दूसरे थाने दूसरे थाने से तीसरे थाने घूमाती रही लेकिन उनके घर के बच्चे का सुराग पुलिस ने नहीं दिया उसके बाद परिजनों को पता चला कि उनके बेटे की मौत हो गई है और शव कानपुर देहात के सरकारी जिला अस्पताल में रखा है वही पुलिस इस पूरे मामले को दबाने का लगातार प्रयास कर रही थी मीडिया को इस पूरे मामले से दूर रखा जा रहा था लेकिन शव को गायब करने की पुलिस की कोशिश नाकाम साबित हुई जिला अस्पताल में जिस वक्त देर रात पुलिस शव को सरकारी पुलिस की गाड़ी में लेकर रफूचक्कर होने का प्रयास कर रही थी तभी मीडिया के कैमरों में पुलिस की वह हरकत कैद हो गई और पुलिस की कार्यशैली जगजाहिर हो गई सूचना पर पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा काट दिया परिजनों ने जनपद के सभी आला अधिकारियों को फोन मिलाया साथ ही साथ कानपुर मंडल के भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लगातार फोन करते रहे लेकिन किसी भी पुलिस अधिकारी ने परिजनों का फोन नहीं उठाया वही पोस्टमार्टम हाउस में जब शव पुलिस के द्वारा पहुंचा दिया गया तो परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जमकर बवाल काट दिया और पुलिस पर तमाम आरोप लगाने लगे मौके पर मौजूद क्षेत्राधिकारी प्रभात कुमार सिंह परिजनों को समझाने का प्रयास करते रहे लेकिन परिजन लगातार एक ही बात पूछते रहे कि आखिर उनका बेटा कहां है जिस हालत में उन्होंने उनके बेटे को उठाया था उसी हालत में परिजन अपने बच्चे को वापस मांग रहे थे लेकिन पुलिस के हाथ भी खाली थे और पुलिस के पास कोई भी जवाब नहीं था क्योंकि पुलिस अपनी कारगुजारी से शर्मिंदा थी और अपने ऊपर लगे दाग को मिटाने के तमाम प्रयास भी कर रही थी। वहीं युवक की मौत के बाद परिजनों ने जमकर पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बवाल काट दिया कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही और पूरे मामले को बिगड़ने से रोकने का प्रयास कर रही थी पुलिस अपनी कार्यशैली को भी साफ करने का प्रयास कर रही थी लेकिन परिजन लगातार इस बात का दबाव पुलिस पर बना रहे थे कि आखिर उनका बेटा मरा कैसे पुलिस के पास कोई भी जवाब नहीं था.

वही पीड़ित की बात करें तो पीड़ित के चाचा जिनके साथ लूट की घटना घटी थी उनका साफ तौर से कहना है कि उन्होंने कई बार पुलिस ने कहा कि उनके घर का बेटा लूट की वारदात में शामिल नहीं था जिन लोगों ने लूट करी थी उनकी कद काठी बिल्कुल अलग थी और उनके बेटे की कद काठी बिल्कुल अलग है लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और लगातार पर इस बात का आरोप लगाते रहे कि पुलिस थाने में बेरहमी के साथ उनके बेटे को मारती पीटती रही और आखिर में उनके बेटे ने दम तोड़ दिया। लेकिन इस बात की पुष्टि तब तक नहीं हो पाएगी जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने नहीं आएगी सवाल कई हैं राज भी कई हैं लेकिन खुलासे का इंतजार है। कानपुर देहात की एसपी सुनीति ने बताया इस घटना में नौ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। वहीं देर शाम मृतक के परिजनों की तहरीर पर रनियां थाने में शिवली कोतवाली के इंस्पेक्टर राजेश सिंह, रनिया थाना अध्यक्ष शिव प्रकाश सिंह, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे, स्वाट टीम के प्रभारी प्रशांत गौतम, स्वाट टीम के कांस्टेबल महेश गुप्ता, जिला अस्पताल के डॉक्टर सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 302, 504, 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।

एसपी ने बताया सीने में दर्द से हुई थी मौत

     पुलिस मार से काला पड़ा मृतक का शरीर 

कानपुर देहात की एसपी सुनीति ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बलवंत सिंह की सीने में दर्द होने पर उपचार करते समय मौत हो गई। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 22 चोट से मौत होने पुष्टि है। स्थानीय लोगों में योगी की हत्यारी पुलिस के लिए भारी आक्रोश है। लोग एसपी सुनीति को निलंबित करने की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि एसपी सुनीति इस तरह की झूठी बयानबाजी कर हत्यारों को बचा रही है। मृतक के शरीर पर पुलिस की मार से काली पड़ी खाल देखकर लगता है कि मौत सीने में दर्द की वजह से हुई है। इससे पहले भी एसपी ने कई बार पुलिस की करतूतों पर मौन सहमति दी थी।
  


 


  * @myogioffice जी आपकी पुलिस का मित्र बनने का तरीका ऐसा है। एसपी सुनीति ने कहा कि सीने में दर्द से हुई मौत। सुनीति जी सीने का दर्द, हाथ, उंगलियों, घुटनों, पीठ में कालेपन तक कैसे पहुंच गया?@kanpurdehatpol pic.twitter.com/6otH8PNqZ6

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ