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लेखन प्रतियोगिता में अनमोल को युवा लेखक, निहारिका को मिला सर्वश्रेष्ठ लेखक का सम्मान


कानपुर। डॉ. सुजाता वर्मा स्मृति समिति की ओर से गुरुवार को खलासी लाइन स्थित शास्त्री भवन प्रेक्षागार में पंचम राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। ये आयोजन संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर आधारित था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रख्यात साहित्यकार नासिरा शर्मा ने कहा कि उत्कृष्ट साहित्य सृजन कठिन कार्य है लेकिन असंभव नहीं है। सभी युवा निष्ठा के साथ साहित्य सृजन करें। देर से सही उनको पहचान मिलेगी। मुख्य अतिथि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा की किसी भी राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में वहां की शिक्षा का बड़ा महत्व होता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है की भारत ने अपनी शिक्षा को नया रूप दिया है जो भारत के लिये मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर युवा लेखक भगवंत अनमोल को युवा लेखक सम्मान, गैरहिंदी क्षेत्रों में हिंदी प्रचार के लिए चेन्नई की साई मीरा जोशी को लक्ष्मी देवी सम्मान व स्वर्ण पदक तथा सुकर्णा कटियार को डॉ. सुजाता वर्मा तेजस्वी मेधा स्मृति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ लेखन की लिए निहारिका कुंवर को श्याम सुंदर स्वर्ण पदक तथा काजल चौधरी व भोपाल की रचना चेतन को रजत पदक दिया गया। श्रेष्ठ लेखन के लिए अंकिता बघेल को हर प्रकाश स्मृति स्वर्ण पदक तथा बबिता पाठक व अनुराधा श्रीवास्तव को रजत पदक से सम्मानित किया गया। पश्चिम बंगाल के हर्ष भगत को 2100 रूपये का प्रोत्साहन पुरस्कार तथा रजत पदक दिया गया। इस अवसर पर निहारिका कुंवर, सुकर्णा कटियार, श्रीमती दीप्ती वा काजल चौधरी ने नासिरा शर्मा की उपन्यास "अल्फा बीटा गामा " की समीक्षा भी प्रस्तुत की। समस्त प्रतिभागियों तथा आमंत्रित लेखकों को प्रशस्ति पत्र दिए गए। कार्यक्रम में डॉ. सुरेश अवस्थी, डॉ. कमल मुसद्दी, जी. पी.वर्मा, दिलीप दुबे, सरन पी वर्मा, सीमा वर्णिका व सुनीता अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

 

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