कानपुर। श्री श्याम जी मित्र मंडल
नें रविवार को मोतीझील लॉन में 37वें श्री श्याम महोत्सव के दूसरे दिन खाटू श्याम
के जीवन चरित्र पर आधारित श्री अखण्ड ज्योति का पाठ राम पांडेय ने किया। महोत्सव में कोलकाता की कमला देवी की
तरफ से बाबा को छप्पन भोग व छत्तीस व्यंजन चढ़ाए गए। लॉन के भव्य पंडाल में बाबा
का श्रृंगार मैसूर
, कोलकाता व जयपुर से
कमलकारी के कुशल कारीगरों व मंडल के सदस्यों के ने विशेष रूप से तैयार किया। बाबा
को जड़ाऊ, बूटी, मीना, ज़री व नगों आदि से
बनी पोशाक पहनाई गई। बाबा के दरबार को विशेष रूप से थाईलैंड से मंगाए गए फूलों से
सजाया गया। दरबार में बीचो-बीच तारा मण्डल (गैलेक्सी) रूपी अनगिनत झूमर आकर्षण का
केन्द्र बनी। मुंम्बई से आए आसू वर्मा, फतेहाबाद से आई परविन्दर पलक ने खाटु में
बैठा प्यारा सवांरा, मंद-मंद मुश्काये..., श्याम
धणी आ जाना...., थांसू विनती करा हां...., भजन गाकर सभी भक्तों को झूमने पर मजबूर
कर दिया। सजा दो घर को दुल्हन सा... भजन से लोकप्रिय हुए कोलकाता के राज पारिख ने बाबा
के भजन गाएं तो पंडाल में बैठे सभी भक्तों की आंखे नम हो गई। शाम को भक्तों ने डोरी
खेंच के राखिज्यो यो ... भजन पर नाचते-झूमतें बाबा श्याम को निशान चढ़ाए। मंडल के
सदस्यों की महोत्सव का समापन बाबा
की 108 दीपों की महाआरती से किया गया। उत्सव में मंडल के अध्यक्ष अजय सरावगी, महामंत्री राकेश शर्मा, कोषाध्यक्ष विकास अग्रवाल, महोत्सव संयोजक अनुपम अग्रवाल, संजय सरावगी, गोविन्द अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, दीपक धानुका, अनीस सर्राफ, गोपाल किशन गुप्ता, मनीष सुरेखा, मनीष मित्तल, गोपाल गुड़ीयावाला, दिनेश अग्रवाल व
प्रचार मंत्री आशीष गोयल आदि ने उपस्थित रहकर सेवा दी।
साथ ही श्री श्याम जी सखा मंडल और
श्री श्याम जी मित्र मंडल के संयुक्त प्रयास से पहली बार रक्त दान शिविर का कैंप लॉन
में ही लगाया गया।इसमें दो दिन से भी कम समय में भक्तों ने 300 यूनिट से भी अधिक खून
जरूरतमंद लोगो के लिए दान किया। अभी तक दोनों मंडलों के प्रयास से 3000 यूनिट खून
से जरूरतमंद लोगों की मदद की जा चुकी है।
दस साल के मुकुल बने श्री श्याम
मंडल के संरक्षक
सेठ आनंद राम जयपुरीया स्कूल के कक्षा
पांच में पढ़ने वाले मुकुंद कनोदिया को श्री श्याम मंडल के संरक्षक बनाया गया। दस
साल के मुकुंद मंडल में सबसे कम उम्र वाले सदस्य है।37 साल पहले स्थापित इस मंडल
में कई सदस्य जुड़े लेकिन छोटी सी उम्र वाला बाबा का प्रेमी कोई नहीं था । श्याम बाबा
में उनकी अपार श्रृद्धा और अटूट विश्वास देखकर मंडल के सदस्यों ने मुकुंद को
संरक्षक बना दिया। नवनियुक्त संरक्षक मुकुंद के पिता आलोक व माता तरंग कनौदिया है।
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