कानपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने फीस वृद्धि वापसी समेत 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सुबह 10:30 बजे से छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन शुरू किया। छात्रों से मिलने आए कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने मांगों को मानने का लिखित आश्वासन नहीं दिया तो छात्रों ने अकादमिक भवन को बंद कर दिया। अकादमिक भवन के भीतर कुलपति समेत विश्वविद्यालय के कई अधिकारी बंद हो गए। छात्रों ने मांग रखी कि जब तक कुलपति द्वारा मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक गेट नहीं खोला जाएगा।
सुबह तकरीबन 10:30 बजे एबीवीपी कार्यकर्ता विश्वविद्यालय पहुंचे तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने अकादमिक भवन में जाने वाले गेट को बंद किया तो छात्र गेट फांदकर अंदर दाखिल हो गए और भवन के प्रांगण में धरने पर बैठ गए।
एबीवीपी पदाधिकारियों ने पीएचडी की फीस 35 हजार, बीफार्मा की फीस 1.10 लाख रुपये किये जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के हॉस्टल शुल्क में पहले 11 माह तक सुविधा मिलती थी, लेकिन अब 10 माह कर दी गई है। औरैया के कॉलेज की एलएलबी की कापियां ही गायब हो गईं और उन छात्रों का भविष्य अंधकार में है। पदाधिकारियों ने छात्रावास और मेस का शुल्क सेमेस्टर आधार पर लेने, हेल्थ साइंस इंस्टिट्यूट की ओर से लिए गए बैक पेपर शुल्क को वापस करने, लिंगदोह समिति के आधार पर छात्रसंघ चुनाव कराने, परीक्षा केंद्र बनाते समय दूरी को ध्यान में रखने, अतिरिक्त कक्षाएं चलाकर सत्र नियमित करने आदि मांगे भी उठाई है।
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