* 2015 में फर्जी समिति को प्रशासन ने किया था भंग
कानपुर। कल्याणपुर के आशादेवी मंदिर की जमीन पर पच्चीस वर्षों से अवैध तरीके से किया गया अतिक्रमण आज भी जारी है। स्व.श्यामनाथ के दोनों पुत्र मुकेश राव व राकेश राव जमीन पर अवैध कब्जा किए है। कब्जे का विरोध करने वालों को प्रलोभन देकर चुप कराने की कोशिश की जाती है।
लगभग 25 सालों से चला आ रहा आशा देवी मंदिर विवाद
90 के दशक में केडीए के आने से पहले रकबा नंबर 1680 की 31 बीघा 3 बिस्वा की जगह मंदिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी। केडीए ने जमीन को अपने अधीन लेकर बना निर्माण ध्वस्त कर दिया और जमीन को मंदिर के धार्मिक कार्यक्रमों के लिए पार्क बना कर छोड़ दिया ताकि जमीन पर अतिक्रमण न किया जा सके। ध्वस्तीकरण के समय दबंग स्व. श्यामनाथ के परिवार की तरफ से आत्मदाह की कोशिश की गई थी जिसके बाद अधिकारी दबाव में आ गए थे और श्यामनाथ का अवैध तरीके से बना मकान ध्वस्त नहीं किया। बाद में नगर निगम व दबंगों की मिलीभगत से पार्क की जमीन के कुछ हिस्से को फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड करा दूसरों को बेच दिया गया। बेची गई जमीन पर आज भी मकान बनाकर लोग रह रहे है।
भू–माफिया सुरेश भाटिया ने कब्जे की नियत से मां आशादेवी रामलीला समिति बनाई। समिति की आड़ में जमीन पर शनि मंदिर, धर्मशाला का निर्माण अवैध तरीके से किया गया। 2015 में विवाद होने पर प्रशासनिक अफसरों ने बनी समिति को फर्जी पाया और समिति को भंग कर दिया। मंदिर की कमान संत समाज के हाथ में सौंप दी।
महंत ने कहा नहीं सुन रहा केडीए
मंदिर के महंत आशुतोष गिरी ने कहा कि अवैध अतिक्रमण को हटवाने के लिए केडीए से लेकर जनता दरबार तक गुहार लगा चुके है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं वकील मुकेश राव की नगर निगम में अच्छी जान पहचान है जिससे वो और उसका छोटा भाई राकेश राव बेरोक–टोक कब्जा कर रहे है।
हर जगह लगाई गुहार
महंत आशुतोष गिरी ने कहा कि कब्जा हटवाने के लिए शासन से लेकर प्रशासन तक गुहार लगा ली लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आज भी दबंग दलित स्व. श्यामनाथ के दोनों पुत्र जमीन को कब्जाए है। महंत की मांग है कि पार्क की जगह से कब्जा हटवाकर उसमे बाउंड्री करवा दी जाए जिससे उसपर अतिक्रमण न हो पाए।
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