* लगभग 350 छात्राओं के बीच सिर्फ एक वॉटर कूलर
* नाली चोक के कारण बाथरूम में भरा रहता गंदा पानी
सुलक्षणा दुबे, कानपुर। चंद्रशेखर आज़ाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में नया बना छात्रावास का निर्माण कार्य रुका पड़ा है। कोरोना के बाद से कोई नया काम नही किया गया। वहीं खंडहर में तब्दील हो चुके छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने के लिए छात्राएं मजबूर है।
गोदावारी के खस्ता हाल
छात्रावास की गिरती छतें, टूटा पड़ा फर्श और बिना पुताई की दीवारें खस्ते हालात बयां करती है। कमरों की टूटी खिड़कियां-दरवाजे, जालियों व खंडहरों के अंधेरे में रहकर अपने भविष्य को संवारने की जद्दोजहद में छात्राएं लगी है। न जाने कब ये खंडहर ढह जाए और न जाने कितनी छात्राओं के जान की मुसीबत बन जाए। 2012 में बना गोदावरी छात्रावास 2022 आते आते एक खंडहर में तब्दील हो गया।
श्रमजीवी, सरोजिनी में भरता है बरसात का पानी
बरसात का पानी छात्रावास में भरता है। गंदे पानी के भराव के साथ ही आस पास की गंदगी छात्रावास के अंदर आ जाती है जिससे छात्राओं को कई परेशानियां होती है। वहीं पीने के पानी की गुणवत्ता खराब है। बाथरूम में साफ–सफाई की बेहद कमी है।
नया बन रहा छात्रावास में कोरोना काल से निर्माण कार्य बंद है। इसकी वजह चीफ वार्डन पी के उपाध्याय ने फंड की कमाई को बताया।
मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान हो रही छात्राएं
छात्राओं का कहना है कि विवि स्थित चार छात्रावासों गोदावरी, झलकारी बाई, सरोजनी नायडू, श्रम जीवी की लगभग 350 छात्राओं के बीच सिर्फ गोदावरी का वॉटर कूलर ही सही से काम करता है। गोदावरी के फ्लोर–1 पर लगभग 25 छात्राओं के बीच इस्तेमाल में आने वाले 2 बाथरूम और 1 टॉयलेट सही है जिसकी सफाई दिन में सिर्फ एक बार ही होती है। छात्राओं ने बताया कि टॉयलेट्स में गंदगी के कारण छात्राओं को यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन) जैसी गंभीर बीमारी होती है। बीमार छात्रा को गंभीर हाल में प्राइवेट अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था।
• एग्जाम के समय रहती है बत्ती गुल
• जहां–तहां नालियों को खुला रखने के कारण चूहे और दीमक कपड़ों को खराब कर देते है।
• सभी छात्रावास के अटेंडेंट पुरुष है। छात्राएं करती है बिना अनुमति कमरों में प्रवेश की शिकायतें।
• अर्थिंग और शॉर्ट सर्किट वाले कमरे में रहने वाली छात्रा का मिन्नतों बाद बदला कमरा।
• डीएसडब्ल्यू में डीन आर पी सिंह से शिकायत भी की, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
छात्राओं की मांग
छात्राओं की मांग है कि उन्हें कम से कम पीने योग्य पानी, बिजली, इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी छात्रावास में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाए ताकि वे अपनी पढ़ाई पर फोकस कर सकें।
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