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विश्वविद्यालय छात्रावास की छात्राएं है परेशान!


* बढ़ी मेस फीस व रूम रेंट से छात्राएं है परेशान
*  मीटिंग कर मेस फीस वापसी के लिए माने कुलपति

सुलक्षणा दुबे
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय परिसर स्थित छात्रावास की छात्राएं विवि कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक से छात्रावास के रूम रेंट वापस करने व फीस न बढ़ाने की मांग कर रही है। 

रूम रेंट वापसी को लेकर परेशान है छात्राएं!
छात्रावास की छात्राओं का कहना है कि नवंबर 2021 में एकेडमिक सत्र 2021–22 आरंभ हुआ था। इसी के साथ छात्रावास के रूम व मेस की 11 माह यानी नवंबर 2021–सितंबर 2022 तक की फीस ऑनलाइन माध्यम से जमा की थी। लेकिन अब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अगस्त 2022 में नए एकेडमिक सत्र 2022–23 के लिए फिर से छात्रावास की फीस जमा कराई जाएगी। इस तरह विवि हम छात्राओं से डबल फीस ले रहा है।

छात्रावास फीस स्ट्रक्चर ( सिक्योरिटी फीस सहित) 
महिला छात्रावास फीस

(एकेडमिक सत्र नवंबर,2021–सितंबर, 22)

रूम रेंट                                 मेस फीस
 *14,400रु (रिजर्व्ड)               *28,875रु 
*21,600रु ( नॉन–अटैच)
*24,000रु (अटैच)

(फरवरी,2021– दिसंबर,22)
रूम रेंट
*14,400रु (रिजर्व्ड)
*18,050रु (नॉन–अटैच)
*20,000रु ( अटैच)

पुरुष छात्रवास फीस
     रूम रेंट                                        मेस फीस
 *21, 600रु (ओल्ड)                         *28, 875रु 
 *29, 400रु (न्यू)

मीटिंग के बाद ही "मेस फीस वापसी" के लिए हुए थे राजी
14 जून 2022 को छात्राओं द्वारा कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के साथ मीटिंग की गई थी। इस मीटिंग में मेस व रूम रेंट रिफंड की मांग, छात्राओं ने कुलपति से की थी। जिसपर कुलपति ने सिर्फ मेस फीस रिफंड की मांग मानी थी। इस मीटिंग में छात्राएं क्लासेज के कारण उपस्थित नहीं हो पाई थी। जिसके बाद छात्राओं की मांग पर कुलपति के साथ रूम रेंट वापसी व जुड़े अन्य मुद्दों पर दोबारा मीटिंग कराने का आश्वासन छात्रावास प्रबंधन द्वारा दिया गया है। 

गुपचुप तरीके 10 फीसदी फीस बढ़ाने की है आशंका
छात्राओं की शिकायत है कि हर साल फीस बढ़ाई जा रही है। इस बार भी गुपचुप तरीके से मालूम पड़ा है कि फीस बढ़ाई जा रही है। छात्राओं का कहना है कि अच्छी पढ़ाई और फीस कम होने के कारण ही हमने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था लेकिन यहां भी प्राइवेट कॉलेज की तरह ही बिना किसी आधार के फीस बढ़ा दी जा रही है जो हमारे परिवार वालों के लिए देना मुश्किल है। इस तरह हम अपनी पढ़ाई कैसे पूरी कर पाएंगे?
                       



 




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