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वन विभाग की तथाकथित कब्जे वाली जमीन में रसूकदार का समधी भी है बराबर का हिस्सेदार!

                  रसूकदार राजेश तिवारी

पुखरायां कस्बा निवासी अमरेश तिवारी हत्या मामले में भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता व वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्कल पराग दुबे को रसूकदार राजेश तिवारी द्वारा नित नए झूठे मामलों में फसाया जा रहा है।

 कहते है न कि आधी जानकारी भी घातक हो सकती है।
इसका जीता जागता उदाहरण ये है कि साजिश के तहत राजेश तिवारी द्वारा वन विभाग की डेढ़ बिस्वा जमीन पर अधिवक्ता का कब्जा बताकर भूमाफिया घोषित किया गया। 

लेकिन अधिवक्ता का कब्जा जिस जमीन पर बताया जा रहा है उस जमीन की रजिस्ट्री के कागज मौजूद है।
 उस जमीन पर अधिवक्ता के साथ राजेश तिवारी के समधी शिवाकांत शुक्ल (पत्नी अरुणा शुक्ला) की भी बराबरी की हिस्सेदारी है और मामला पहले से ही सिविल कोर्ट में चल रहा है। राजेश तिवारी के रसूक की वजह से भोगनीपुर रेंजर छेदालाल ने पुलिस व उच्चाधिकारियों को वन विभाग की जमीन से जुड़ी आधी जानकारी से अवगत कराया है। 

रसूकदार ने बिजली विभाग की जमीन पर कब्जा कर बनाया स्कूल और घर 
 
परिवार ने बताया कि दबंग राजेश तिवारी का स्कूल और नया निवास बिजली घर की जमीन पर कब्जा करके बनाया गया है। साथ ही पीड़ित परिवार का कहना है कि 
राजेश तिवारी द्वारा संचालित किया जा रहा स्कूल की मान्यता कक्षा 5 तक ही प्राप्त है जिसमे कक्षा 8 तक के बच्चों का अवैध तरीके से प्रवेश लेकर पढ़ाई करवाई जा रही है।






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