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जेएनयू में एक तरफ हवन पूजा, दूसरी तरफ चले लाठी डंडे!


जेएनयू और विवाद का रिश्ता ऐसा है जैसा लैला और मजनू का। एक दूसरे का साथ ही नहीं छोड़ते है। एक बार फिर जेएनयू के कावेरी छात्रावास से खाने को लेकर हिंसक झड़प की घटना सामने आई है। रामनवमी वाले दिन लगभग 320 छात्रों की संख्या वाले कावेरी हॉस्टल में हवन व पूजा के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) व
वामपंथी छात्र संगठन आइसा  के छात्रों में  टकराव बढ़ते- बढ़ते हिंसक झड़प तक पहुंच गया। दोनों ही छात्र संगठनों की तरफ से एफआईआर दिल्ली पुलिस में दर्ज करा दी गई है और जांच की जा रही है। इसके इतर घटना से जुड़ी कई कहानियां भी सामने आ रही है। 


दरअसल बात है रामनवमी की जब एबीवीपी के छात्रों ने कावेरी हॉस्टल में हवन और पूजा का आयोजन रखा था, करीब 4 बजे से 6:30 बजे तक चली पूजा व हवन का समापन करने के बाद, रमजान में रोजा रखने वाले छात्र और रामनवमी के दिन व्रत रखने वाले छात्र शान्ति से रात के समय का भोजन कर रहे थे। चूंकि रविवार के दिन मेस में पूर्व निर्धारित मेन्यु के अनुसार डिनर में नॉन-वेज दिया जाना था, इसलिए नॉन-वेज खाने वाले छात्र, चिकन के न मिलने पर हंगामा करने लगे। जबकि 300 में से 150  शाकाहारी छात्रों के लिए खाना बनाया गया था।

जब बाकी छात्रों ने चिकन न मिलने की शिकायत वार्डन से की तो मालूम पड़ा कि एबीवीपी के छात्रों ने उस दिन हॉस्टल में चिकन पहुंचाने वाले कर्मचारी को डरा कर भगा दिया। छात्रों के शांत न होने पर और राइट टू फूड की बात कहने पर  फिर से चिकन बनवाने की बात की गई जिसपर एबीवीपी के छात्रों ने दूसरे हॉस्टल से संगठन के लोगों को बुला लिया और रामनवमी के दिन चिकन बनाने का विरोध करने लगे। एबीवीपी के छात्रों के जमावड़े के बाद लेफ्ट संगठनों से जुड़े छात्रों ने भी मैसेज भेजकर दूसरे छात्रों को कावेरी हॉस्टल में बुला लिया। देखते ही देखते कुछ ही देर में लेफ्ट और एबीवीपी के छात्रों का हुजूम कावेरी हॉस्टल में उमड़ पड़ा.  हॉस्टल में करीब एक घंटे तक एबीवीपी और लेफ्ट छात्र संगठनों के बीच झड़प चलती रही. झगड़े में कई छात्रों के सिर फूटें तो कइयों को गंभीर चोटें भी आई। वहाँ मौजूद छात्रों के मुताबिक हमले के लिए ट्यूबलाइट, पत्थर, डंडे और काँच की बोतलों का इस्तेमाल किया गया.   

वहीं दूसरी तरफ छात्रों ने  लेफ्ट पर हवन में हड्डियां फेकने का भी आरोप लग रहा है। 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य विकास पालीवाल कहते हैं कि "वामपंथी संगठन से जुड़े छात्रों ने हवन में हड्डियाँ फेंकने के लिए चिकन मँगाया था."
एबीवीपी से जुड़े कुछ छात्रों ने ट्वीट किया था और कुछ ने टीवी चैनलों को बताया था कि "हवन और पूजा में बाधा डाली जा रही थी इसलिए हंगामा हुआ" लेकिन मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने पूजा में किसी बाधा की कोई बात नहीं कही.

कावेरी हॉस्टल के छात्रों  के मुताबिक जिस वक्त छात्रों के बीच मारपीट चल रही थी उस दौरान हॉस्टल के बाहर पुलिस मौजूद थी. मारपीट करने वाले छात्रों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी.

                                                –सुलक्षणा दुबे 
                               (Twitter: @NewsTrker1)


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