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अब प्रत्येक छात्र के हाथ में होगी लाइब्रेरी की चाभी!

मानव की उत्पत्ति से लेकर ध्रुव के परमात्मा की प्राप्ति के लिए किये गये कठोर तप की आध्यात्मिक विरासत संभाले हुए कानपुर शहर अब कोरोना के झंझावात से 
लगभग बाहर आ चुका है। कानपुर के लोगों का कनपुरिया अंदाज एक बार फिर से लौट आया है। एक बार फिर चाय की टपरी में चाचा ताऊ की चुनावी मुद्दों पर लंबी बहस छिड़ने लगी। काम पर समय से पंहुचने की आपाधापी में निम्न मध्यम वर्ग के लोंगो का किराया कम कराने के लिए बहस करना और कम न करने पर कनपुरिया अंदाज में उसी टैंपो में बैठते हुए चुटीले लहजे में कहना "का चाचा किराया तो ऐसन बता रहे हो जैसे हवाई जहाज से ले जा रहे हो।" 
कनपुरिया भाषा को अपने अनोखे अंदाज से वर्ल्ड फेमस करने वाले अन्नू अवस्थी का "पहचान तो गईन हुइहौ" कहना और सुनने वालों के चेहरे पर मुस्कान आ जाना।
यही तो यूएसपी(पहचान) है कानपुर शहर की, जो कोरोना काल में कहीं गुम सी गई थी लेकिन इस यूएसपी के चार्जर है कानपुर के युवा।और इस चार्जर की तार में करंट आता है भारत एवं उत्तर प्रदेश के अन्य उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों में से एक छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से।जिसे आज भी कानपुरवासी आम बोल-चाल में कानपुर विश्वविद्यालय कहते है। जिस तरह कोरोना ने कानपुर शहर की रफ्तार को थाम दिया था ठीक उसी तरह युवाओं की पॉवर सप्लाई भी शिक्षण संस्थान से धीमी पड़ गई थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन युवाओं के उज्जवल भविष्य के बीच किसी भी प्रकार की बाधा आने नहीं देता फिर वो चाहे विश्वपटल पर हाहाकार मचाने वाला कोरोना ही क्यूं न हो। विश्वविद्यालय ने ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्मस जैसे गूगल मीट, की सुविधा दी जिससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई सुचारु रुप से चल सके। इसी 
कड़ी में विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिए लाइब्रेरी ऑन डिवाइस यानि ई-लाइब्रेरी एप लॉन्च किया। ई-लाइब्रेरी से 27,500 से ज्यादा किताबें, 639,331 शोध पत्र, लगभग 131,855 लेक्चर वीडियो व 8,700 फ्री ई-टूल्स की सेवा छात्र-छात्राएं सिंगल लॉग-इन से उठा सकेंगे। इस ऐप के माध्यम से छात्र, विषय से संबंधित किताबें, जर्नल, थिसिस और वीडियो लेक्चर देख और सुन सकेंगे।
                                                 –सुलक्षणा दुबे

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