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"सिर फोड़ देना!"– ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर टोल प्लाजा पर पुलिस ने फोड़े कई किसानों के सिर,एक की मौत!

     प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठियां भांजती पुलिस

•करनाल में बीजेपी नेताओं को रोक रहे किसानों पर पुलिस की लाठीचार्ज, कई किसानों के फूटे सिर!
•विरोध में प्रदेशभर के किसानों ने कई घंटों बंद रक्खा हाईवे
•हिरासत में लिए गए 17 किसानों की रिहाई के बाद हाईवे से हटाया जाम
• "देश में मौजूद है सरकारी तालिबानाे के कमांडर है!"–  टिकैत
• आज नूह में है ‘महापंचायत’

करनाल में शनिवार को हरियाणा के CM मनोहर लाल की अगुवाई में आयोजित प्रदेश भाजपा की संगठनात्मक मीटिंग में जा रहे पार्टी नेताओं को रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। किसानों ने नई दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर करनाल में घरौंडा के पास बसताड़ा टोल प्लाजा की दो-दो क्रॉसिंग को छोड़कर बाकी लेन बंद कर दीं। मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों ने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज में कई किसानों के सिर फूटे और खून बहने लगा। बसताड़ा टोल पर धरने में बैठे किसान, पुलिस की लाठियों से बचने के लिए खेतों में भाग गए। इस लाठीचार्ज की खबर प्रदेशभर में आग की तरह फैल गई। पुलिस के रवैए से नाराज किसानों ने हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, जींद, रोहतक, अम्बाला, करनाल, पानीपत व सोनीपत समेत तमाम जिलों में नेशनल हाईवे और टोल प्लाजा पर जाम लगा दिया।
नाराज किसानों का प्रदर्शन कई घंटे तक चलता रहा। अंत में पुलिस द्वारा बसताड़ा टोल प्लाजा से गिरफ्तार किए गए सभी 17 किसानों को रिहा किए जाने के बाद, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शनिवार शाम 7.30 बजे से किसानों ने नेशनल हाईवे और टोल प्लाजा से जाम हटाने शुरू कर दिए। वहीं लाठीचार्ज की जानकारी मिलने के बाद बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चदूनी ने भी हरियाणा और दूसरे राज्यों में लगे जाम खोलने की अपील की। 
पुलिस का कहना है कि इलाके में धारा-144 लागू थी, जिसका प्रदर्शनकारियों ने उल्लंघन किया. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को वहां से जाने की हिदायत भी दी गई थी, लेकिन वो डटे रहे और कुछ देर बाद पत्थरबाजी करने लगे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं, किसान नेताओं का कहना है कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को बुरी तरह से लाठी से पीटा, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले लिया था.

क्या है पूरा मामला?
   लाठीचार्ज में घायल किसान
शनिवार को करनाल शहर में भाजपा की संगठनात्मक बैठक थी। इस कारण करनाल पुलिस और प्रशासन ने शहर में एंट्री के सभी प्वॉइंट बंद कर रखे हैं। इसलिए किसान मीटिंग और भाजपा नेताओं का विरोध करने के लिए शहर के अंदर नहीं घुस पाए। किसानों ने शहर में कूच करना चाहा, लेकिन पुलिस ने उन्हें घुसने ही नहीं दिया। इसके बाद किसानों ने नेताओं को वहीं टोल पर रोकने की तैयारी कर ली। इस दौरान किसानों को रोकते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।


डीसी बोले- किसानों को आराम से प्रदर्शन करना चाहिए था
करनाल के डीसी निशांत यादव ने बताया कि किसानों ने सुबह एक बार करनाल की तरफ बढ़ना चाहा था। उन्होंने कुछ देर के लिए नेशनल हाईवे को भी जाम कर दिया था। किसानों से बात करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस के अधिकारी गए थे, क्योंकि लोगों को हाईवे जाम होने से परेशानी हो रही थी। किसानों को आराम से प्रदर्शन करना चाहिए था।
डीसी के अनुसार, जब किसान नहीं माने तो पुलिस को हल्का बल प्रयोग किया। इसमें 10 पुलिसकर्मियों और 4 किसानों को चोटें आईं। उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। किसानों से अपील है कि वे आराम से बैठकर विरोध करें। हाईवे पर यातायात में बाधा डालने वालों को सहन नहीं किया जाएगा।

चढ़ूनी का आह्वान- जाम कर दो सड़कें और टोल
किसानों पर लाठीचार्ज की खबर मिलते ही गुस्साए भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि पुलिस ने करनाल में किसानों का प्रवेश बंद कर दिया। बसताड़ा टोल पर किसानों पर लाठीचार्ज करके उन्हें घायल कर दिया है, जो सरासर गलत है। उनकी किसानों से अपील है कि लाठीचार्ज के विरोध में वे जहां-जहां भी संभव हो, सड़कों पर जाम लगा दें और अगले आदेश तक जाम लगाकर रखें। चढ़ूनी ने कहा कि टोल पर भी जाम लगा दिया जाए।


किसानों ने जाम किए हाईवे
चढ़ूनी के आह्वान के बाद हिसार-दिल्ली हाईवे पर रामायण टोल पर धरना दे रहे किसानों ने वहां जाम लगा दिया। इससे हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। मौके की नजाकत को भांपते हुए पुलिस ने वाहनों को खरड़ और रामायण की तरफ डाइवर्ट करना शुरू कर दिया। सिरसा में भी किसानों ने बरनाला रोड पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और हरियाणा के बिजली व जेल मंत्री रणजीत चौटाला के घर के पास स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया।
अम्बाला में भी किसानों ने अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर दिया जिससे वहां दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। आनन-फानन में पुलिस को रूट डायवर्ट करना पड़ा। करनाल जिले में जींद चौक, बसताड़ा टोल, निसिंग और जलमाना गांव में जाम लगा दिया गया। रोहतक में मकड़ौली टोल पर किसानों ने जाम लगाया तो नरवाना में बद्दोवाल टोल प्लाजा भी किसानों ने जाम कर दिया। कैथल जिले के NH-152 पर तितरम मोड़, कैथल से चीका मार्ग पर भागल गांव, पटियाला मार्ग पर हांसी-बुटाना नहर पर चीका में किसानों ने जाम लगाया। फतेहाबाद जिले में ढाणी गोपाल चौक और नेशनल हाईवे-9 बाइपास पर किसानों ने रोड जाम कर दिया। जींद-करनाल हाईवे के अलावा अलेवा में भी किसान सड़क पर बैठ गए। भिवानी जिले में कितलाना टोल पर जाम लगा दिया गया। सिरसा में भी रोड जाम कर दिए गए। रतिया में बुढलाडा रोड पर किसानों ने धरना लगा दिया। पानीपत-दिल्ली हाईवे के बीच मुरथल में भिगान टोल प्लाजा भी किसानों ने बंद कर दिया। बाद में भिगान टोल को चालू करवाने के लिए सोनीपत के डीसी ने धारा-144 लगा दी।

लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल सुशील की हार्ट अटैक से मौत
किसान सुशील काजल जो डेढ़ एकड़ के किसान थे पिछले 9 महीने से आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी दे रहे थे कल बसताड़ा टोल प्लाजा पर जो पुलिस ने लाठियां चलाई इनको बहुत ज्यादा चोट आई थी सारे शरीर पर और सिर पर भी दो तीन चोटे थी जिसके कारण रात को शहीद हो गये।
बीकेयू के वरिष्ठ नेता गुरनाम सिंह चादुनी ने रविवार को कहा कि करनाल में शनिवार को पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।डेढ़ एकड़ जमीन के मालिक सुशील काजल पिछले नौ महीने से किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे। कल करनाल टोल प्लाजा पर पुलिस के लाठीचार्ज में उन्हें गंभीर चोटें आई थीं और रात में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। किसान समुदाय उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा।'

SDM को बर्खास्त करने की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को बयान जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर के विधानसभा क्षेत्र करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा करते हैं. किसान मोर्चा कैमरे पर पुलिस को आदेश देने वाले एसडीएम आयुश सिंहा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करता है. SKM ने खट्टर-चौटाला सरकार को चेतावनी दी है कि किसान पीछे नहीं हटेंगे और वर्तमान ऐतिहासिक आंदोलन को जनविरोधी सरकार के इस बर्बर कृत्यों से दबाया नहीं जा सकता है. आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज होगा.एसकेएम ने हरियाणा के लोगों से हर जगह सड़क जाम करने का आह्वान किया है।
करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बीच एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट बताए जा रहे अधिकारी का सख्ती बरतने का आदेश देते वीडियो सामने आया। इस वीडियो को कई विपक्षी नेताओं सहित बीजेपी नेता वरुण गांधी ने भी अपने हैंडल पर शेयर किया है।
हालांकि ट्रेंड कर रहा वीडियो घटनास्थल बसताड़ा टोल का नहीं है, ये वीडियो कैथल रोड नाके का बताया जा रहा है। वीडियो में एक अधिकारी ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर पुलिस वालों को सख्त आदेश देते नजर आ रहे हैं। पुलिस वालों को अधिकारी बोल रहा है कि, मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं। ये नाका नहीं टूटना चाहिए। जो भी आए उस पर लट्ठ मारो। यहां से आने वाले का सिर फूटा हुआ होना चाहिए।

नेताओं को दिखाए काले झंडे
कृषि कानून के विरोध में किसान लगातार भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार सुबह किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का विरोध किया और नारेबाजी करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए। पुलिस ने भाजपा की मीटिंग और उसमें CM मनोहर लाल के आने की वजह से करनाल जिले में नेशनल हाईवे पर ही किसानों को रोक लिया। शहर में जगह-जगह नाकेबंदी कर दी गई। 30 से ज्यादा जगहों पर नाके लगाए जाने से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई।

टिकैत बोले: "देश में सरकारी तालिबानों का कब्जा हो चुका है!"हरियाणा में कल शनिवार को करनाल के पास किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने एक विवादास्‍पद बयान दिया है. टिकैत ने कहा, ”देश में सरकारी तालिबानों का कब्ज़ा हो चुका है. देश में सरकारी तालिबानों के कमांडर मौज़ूद है. इन कमांडरो की पहचान करनी होगी. जिन्होंने आदेश दिया सर फोड़ने का वहीं कमांडर है…”
इस बयान का यह वीड‍ियो सामने आया है.

बैठक में ये सभी नेता मौजूद
इस बीच करनाल शहर के प्रेम प्लाजा में चल रही भाजपा की संगठनात्मक बैठक में पहुंचे CM मनोहर लाल का फूल-गुलदस्तों के साथ मेयर रेणुबाला गुप्ता ने स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। फिर वंदे मातरम के गान के साथ बैठक शुरू हुई।
मीटिंग में सीएम, मंत्री कंवर पाल गुर्जर, मंत्री संदीप सिंह, मंत्री कमलेश ढांडा, प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, मंत्री मूल चंद शर्मा, मंत्री डॉ. बनवारी लाल, विधायक प्रवीन डागर, विधायक दीपक मंगला, विधायक सत्यप्रकाश, विधायक सुधीर तंवर, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद संजय भाटिया, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, प्रदेश महामंत्री वेदपाल एडवोकेट, प्रदेश महामंत्री पवन सैनी, विधायक घनश्याम अरोड़ा, विधायक लीला राम गुर्जर, विधायक रामकुमार कश्यप, विधायक हरविंदर कल्याण, विधायक प्रमोद विज, विधायक विनोद भ्याना, विधायक रणबीर गंगवा, विधायक दूडाराम बिश्नोई, विधायक लक्ष्मण नापा, पूर्व विधायक भगवान दास कबीरपंथी, मेयर रेणुबाला गुप्ता पहुंचे।

हरियाणा के सीएम ने कहा–
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'सरकारी कामकाज में बाधा डालना लोकतंत्र के खिलाफ है।अगर वो विरोध करना चाहते थे, तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था। अगर वो हाइवे जाम करते हैं और पुलिस पर पथराव करते हैं तो पुलिस भी कानून-व्यवस्था संभालने के लिए कदम उठाएगी।’

सियासी बयानबाजी भी हुई तेज...
किसानों पर हुई कार्रवाई के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर बीजेपी को किसान विरोधी बताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'फिर खून बहाया है किसानों का, शर्म से सिर झुकाया है हिंदुस्तान का।'
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने इसे सरकार प्रायोजित हमला बताया है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई को 'सरकार प्रायोजित हमला' बताते हुए कहा कि ये न सिर्फ अस्वीकार्य है, बल्कि निंदनीय भी है। उन्होंने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब खट्टर सरकार ने किसानों पर इस तरह की कार्रवाई की है। उन्होंने कहा, 'हमारे अन्नदाता के साथ पेश आने का ये सही तरीका नहीं है।' सीएम कैप्टन ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसके नतीजे भुगतने होंगे।

Source:Dainik Bhaskar, India.com, Aaj tak,Indian express                   सुलक्षणा दुबे

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