Ticker

6/recent/ticker-posts

सिर्फ 5 मिनट में "राम मंदिर" जमीन दो करोड़ से साढ़े 18 करोड़ तक पहुंच गई?– सच या घोटाला!






Que:  क्या हैै राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन के 5 मिनट में 2 करोड़ - साढ़े 18 करोड़ तक पहुंचने का मामला?

 Ans:18 मार्च को ट्रस्ट नेे साढ़े 18 करोड़ रुपए में सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नाम केेेेेे दो व्यक्तियों से जमीन खरीदी थी। महत्वपूर्ण व ध्यान देने वाली बात यह है कि यह जमीन 5 मिनट पहले ही हरीश पाठक और कुसुम पाठक से 2 करोड रुपए में खरीदी गई थी। यानि सिर्फ 5 मिनट में जमीन 16.5 करोड रुपए महंगी हो गई। जबकि खरीदी गई जमीन के आसपास की जमीन आज के समय तक भी 50 लाख से 6 करोड़ रूपए तक ही बिक रही हैै। यह श्री राम मंदिर के भक्तों से मिले चंदे की सीधी लूट तथा उनकी आस्था के साथ खिलवाड़़ है।
कागजात पर अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और ट्रस्ट में शामिल डॉ अनिल मिश्रा के हस्ताक्षर हैं।

Que: किसने इस कथित घोटाले को सबसे पहले उजागर किया?कौन–कौन नेता कर रहे हैं सीबीआई व ईडी जांच की मांग?

 Ans: भ्रष्टाचार का यह आरोप समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडेेे तथा आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने उचित कानूनी कागजात के साथ जमीन के मामले मेंं ट्रस्ट पर लगाए हैं। जिसमें इस जमीन के एग्रीमेंट के कानूनी दस्तावेज भी शामिल हैै।
पवन पांडे ने अयोध्या में आरोप लगाते हुए कहा कि जिस जमीन को 18.5 करोड रुपए में खरीदा उसका *सर्किल रेट (उसके आस पास की जमीन का मौजूदा रेट) 5.8 करोड रुपए है। जमीन 1.208 हेक्टेयर है। जमीन के लिए ट्रस्ट ने ₹17 करोड़ का आरटीजीएस किया है। जांच होनी चाहिए कि पैसा किन लोगों के खाते में गया। साथ ही पवन पांडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि धार्मिक भावनाओं के साथ विश्वासघात के मामले की जांच ईडी और सीबीआई से करानी चाहिए।        
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा "लगभग 5.5 लाख रुपए/सेकंड जमीन का दाम बढ़ गया। हिंदुस्तान क्या, दुनिया में कहीं कोई जमीन 1 सेकंड में इतनी महंगी नहीं हुई होगी। और 
जो जमीन मंदिर ट्रस्ट ने खरीदी उसके एग्रीमेंट के लिए e-Stamp 5:11 बजे खरीदा गया।
रवि मोहन तिवारी ने जो जमीन हरीश पाठक से खरीदी उसका e-Stamp 5:22 बजे खरीदा गया।
आखिर ट्रस्ट ने स्टांप पहले ही कैसे खरीद लिया?
 संजय सिंह ने भी इस मामले पर सीबीआई जांच की मांग की है।
  संजय सिंह के ट्वीट 
कांग्रेस पार्टी के विधायक दीपक सिंह ने भी राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।

Que: ये कैसा संयोग है? जमीन के दोनों ही सौदों में कॉमन गवाह ट्रस्ट के ट्रस्टी - डॉक्टर अनिल मिश्रा!

Ans: पहले जब जमीन हरीश पाठक - कुसुम पााठक से मुल्तान अंसारी - रवी मोहन तिवारी ने खरीदी तो रजिस्ट्री के दौरान गवाह नंबर 1 डॉ अनिल मिश्रा बने। डॉ मिश्रा भी "राम जन्मभूमि ट्रस्ट" के ट्रस्टी हैंं। किसी भी भुगतान के चेक पर डॉ मिश्रा ही साइनिंग अथॉरिटी है। उसके बाद जब अंसाारी - तिवारी ने जमीन श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट को बेची तो डॉक्टर मिश्रा गवाह नंबर 2 बन गए। इस बारे में मीडिया के कुछ लोगों ने अयोध्या में रविवार को उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन वे भागते हुए अपनी गाड़ी में बैठे और चले गए।

Que: कौन-कौन है सवालों के घेरे में?
Ans: • अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय 
         • ट्रस्ट की साइनिंग अथॉरिटी- डॉ अनिल मिश्रा             •श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव - चंपत राय

Que: कौन है चंपत राय? अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर राय ने क्या कहा!

Ans: चंपत राय "विश्व हिंदू परिषद" के वाइस प्रेसिडेंट है। मौजूदा समय में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव भी हैंं।
 रविवार को ट्रस्ट की बैठक के बाद महासचिव मीडिया के सामने आए और कहा "बैठक के अलावा कोई और सवाल पूछोगे तो चला जाऊंगा! लेकिन बार-बार पूछने पर चंपत राय ने कहा कि आरोप तो महात्मा गांधी की हत्या का भी हम पर लगा था। आरोप तो हम पर लगते रहते हैं। दस्तावेज केेेे साथ आरोप लगनेेेे के विषय में पूछा गया तो बोले "हां मैं जानता हूं। मैं तैयार हूं।अध्ययन करूंगा तब कुछ बोलूंगा।"

बीते शाम चंपत राय ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए-

 राय ने ट्वीट करके लिखा है,

श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र, श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर को वास्तु शास्त्र के मुताबिक़ भव्य स्वरूप प्रदान कराने, शेष परिसर को सभी तरह से सुरक्षित और दर्शनार्थियों के लिए सुविधापूर्ण बनाने के लिए काम कर रही है. इसे लेकर मंदिर के पूर्वी और पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा और रिटेनिंग वाल की सीमा में आने वाले महत्वपूर्ण मंदिरों/स्थानों को परस्पर सहमति से ख़रीदा जा रहा है। न्यास का फैसला है कि इस प्रक्रिया मे विस्थापित होने वाले प्रत्येक संस्थान/व्यक्ति को पुनर्वासित किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा,

पुनर्वास हेतु भूमि का चयन संबंधित संस्थानों/व्यक्तियों की सहमति से की जा रही है। बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.2 हेक्टेयर जमीन इसी प्रक्रिया के तहत महत्वपूर्ण मंदिरों जैसे कौशल्या सदन आदि की सहमति से पूर्ण पारदर्शिता के साथ ख़रीदी गई है। ये जमीन अयोध्या रेलवे स्टेशन के नज़दीक रोड पर स्थित एक प्राइम लोकेशन है। इस भूमि को लेकर साल 2011 से मौजूदा बेचने वालों के पक्ष में भिन्न-भिन्न समय (2011, 2017 और 2019) में अनुबन्ध सम्पादित हुआ।

चंपत राय ने ट्वीट कर कहा कि,

खोजबीन करने पर जमीन हमारे उपयोग हेतु अनुकूल पाए जाने पर संबंधित लोगों से संपर्क किया गया। भूमि का जो मूल्य मांगा गया, उसकी तुलना मौजूदा मार्केट वैल्यू से की। अंतिम देय राशि करीब 1,423 रुपये प्रति वर्गफीट तय हुई जो नज़दीकी मार्केट वैल्यू से बेहद कम है। मूल्य पर सहमति हो जाने के बाद संबंधित व्यक्तियों को अपने पूर्व के अनुबन्धों को पूर्ण करना आवश्यक था, तभी सम्बन्धित भूमि तीर्थ क्षेत्र को प्राप्त हो सकती थी। तीर्थ क्षेत्र के साथ अनुबंध करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का बैनामा होते ही तीर्थ क्षेत्र ने अपने पक्ष में पूर्ण तत्परता और पारदर्शिता के साथ अनुबंध हस्ताक्षरित किया और रजिस्टर कराया।

दुष्प्रचार में यकीन न करने की अपील

चंपत राय ने कहा है कि तीर्थ क्षेत्र का पहले दिन से ही फैसला रहा है कि सभी पेमेंट बैंक से सीधे खाते में ही किए जाएंगे और संबंधित जमीन की खरीद प्रक्रिया में भी इसी फैसले का पालन हुआ है. यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार द्वारा लगाए गए सभी टैक्स आदि का पेमेंट हो जाए.

Que: क्या है अयोध्या के संतो की राय?
Ans: अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि यह मामला श्रीराम से जुड़ा हैैैै। इसकी उच्च स्तरीय जांच हो। दोषियों को बख्शा ना जाए। लेकिन अगर संजय सिंह जांच में सही नहीं पाए गए तो उन पर 50,000 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा करूंगा। वही राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास नेे कहा कि जांच जल्द हो ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।

बच्चों ने तक अपनी गुल्लकों को तोड़ किया था राम मंदिर निर्माण के लिए दान!

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के मंदिर निर्माण के लिए देशभर के लोगों नेेे रुपए दान दिए थे। जिनमें बच्चों ने भी अपनी गुल्लक तोड़कर राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दिया था। तो कुछ नहीं अपनी पॉकेेट मनी को दान किया था। कहीं ग्रुप में बच्चोंं ने चंदा इकट्ठा किया,तो कहीं अकेले। देश के बच्चोंं की यह पहल,अपने प्रभु श्रीराम में प्रगाढ़ आस्था को प्रदर्शित करती है।



इन दस्तावेजों के आधार पर लगा रहे आरोप!



e-stamp 5:11 पर ख़रीदा 

    e-stamp 5:22 पर ख़रीदा



                   Blogger's view:


श्री राम जन्मभूमि से जुड़ा हर मुद्दा देश के करोड़ों लोगों केेे लिए संवेदनशील रहा है। क्योंकि श्रीराम सेे करोड़ों लोगों की अपार श्रद्धा जुड़ी है। विश्व हिंदू परिषद पर पहले भी श्री राम मंदिर निर्माण में इकट्ठा किए गए चंदे में हेरफेर के कथित आरोप लगते रहेे हैं। और जब यह धनराशि देश-विदेश मेंं बैठे राम भक्तों ने अपनी खून पसीने की कमाई से मंंदिर निर्माण के लिए दी हो तो, चंदे के पैसों में पारदर्शिता दिखाना आवश्यक हो जाता है। क्योंकि देश में भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड इतिहास रहा है। इसलिए निष्पक्ष जांच होना समय की मांग भी है और आवश्यक भी। 
अगर सरकार जांच नहीं कराती हैैै और विपक्षी पार्टियों के आरोपों में जरा भी सत्यता है।तो वेेेेे कोर्ट के माध्यम सेेे जांच करवा सकती है।

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

अगर आप किसी टॉपिक पर जानकारी चाहते है,तो कॉमेंट करें।